arun yogiraj की बनाई मूर्ति पर बनी सहमति
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अयोध्या में राम मंदिर में कौन सा विग्रह रखा जाएगा इस पर चल रहा संशय समाप्त हो गया है और अब तय है कि नीलवर्ण की उस मूर्ति को स्थ्ळाान मिलेगा जो कर्नाटक के कलाकार योगी अरुणराज ने बनाई है. मंदिर में स्थापना से पूर्व चयन के लिए तीन मूर्तियां बनवाई गई थीं जिनमें से एक को गर्भगृह में जगह दी जानी थी और इसके लिए नीले पत्थर से बनी है. इसी पत्थर की एक अन्य दक्षिण भारतीय शैली की मूर्ति भी चयन के लिए रखी गई थी वहीं तीसरा विग्रह सफेद संगमरमर से बनाया गया. सभी सदस्यों ने लिखित रूप से रामलला की इस 51 इंच लंबी प्रतिमा पर सहमति जताई. इसमें रामलला 5 साल के बाल स्वरूप में हैं और खड़े हुए हैं. यह मूर्ति कमल के फूल पर स्थापित की जाएगी तब कमल सहित पूरी ऊंचाई आठ फीट हो जाएगी. जिन तीन मूर्तिकारों को काम सौंपा गया था उनमें योगीराज के अलावा गणेश भट्ट और सत्यनारायण पांडे भी थे, इनमें सत्यनारायण पांडे की प्रतिमा संगमरमर पर है. बताया गया है कि बाकी दो मूर्तियां भी स्थापित होंगी लेकिन मामला गर्भगृह की मूर्ति के चयन का था. अब अन्य दो मूर्तियों में से एक पहले तल पर राम दरबार में स्थापित होगी जबकि तीसरी मूर्ति को द्वितीय तल पर होगी.