5160 गीता जयंती मनेगी 23 दिसंबर को
आर्यभट्ट की गणना के अनुसार महाभारत युद्ध से पहले कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता ज्ञान 3137 ईस्वी पूर्व की बात है और इस हिसाब से इस साल यह 5160वीं गीता जयंती होगी. अब यह गीता जयंती पखवाड़ा मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष एकादशी से शुक्ल पक्ष एकादशी तक मनाया जाता है. वैसे यह महाभारत के शांतिपर्व का एक भाग ही है लेकिन इसे उपनिषदों का सार माना जाता है इसलिए इसे गीतोपनिषद भी कहा जाता है. गणितीय तरीके से यह माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने 45 मिनट तक अर्जुन को यह ज्ञाान दिया था और इसमें 574 श्लोक उन्होंने कहे हैं. सवालों के तौर पर अर्जुन ने 85 श्लोक में अपनी जिज्ञासा रखी हैं और इसमें रणक्षेत्र का बयान दिव्यदृष्टि से देखकर धृतराष्ट्र को बताने वाले संजय के भी 40 श्लोक हैं जबकि पूरी गीता में धृतराष्ट्र की तरफ से जिज्ञासु तरीके से पूछा गया एक श्लोक भी है. इस तरह 18 अध्याय में विभक्त गीता के कुल 700 श्लोक हैं. मान्यता है कि अर्जुन के रथ के ऊपर हनुमान जी बैठे थे इसलिए स्वाभाविक तौर पर अर्जुन को श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया ज्ञान उन्होंने भी पूरा सुना था. कुुरक्षेत्र को धर्मक्षेत्र कहने से शुरुआत होने वाली गीता को 5000 साल से ज्यादा हो जाने के बाद भी सबसे प्रामाणिक और हर समय में मनुष्यों के लिए दिशा बताने वाला माना जाता है.