September 14, 2024
ट्रेंडिंगराष्ट्रीय

Uddhav के लिए मुश्किल है बचे साथियों को संभालना

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के निर्णय के बाद अब असली शिवसेना का अधिकार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास चला गया है और इसका बड़ा नुकसान सीधे उद्धव ठाकरे को उठाना पड़ रहा है. उद्धव से पार्टी और उसका चुनाव चिन्ह तो छिन ही चुका है साथ ही अब उनके बचे हुए विधायक और पार्टी कार्यकर्ताओं को संभालना भी मुश्किल होता जा रहा है. जब तक साफ नहीं हुआ था तब तक कई विधायक इस वजह से उद्धव के साथ थे क्योंकि यदि असली पार्टी उद्धव के हाथ चली जाती तो उन्हें अयोग्य तक घोषित किए जाने का खतरा था लेकिन अब उनके लिए रास्ता साफ है. उनके सामने दो तरह की मुश्किल होगी पहली तो यही कि उन्हें अब एकनाथ शिवसेना की तरफ से जारी व्हिप मानना होगी और दूसरी यह कि अगले चुनावों में वे उद्धव वाले बेमेल संगठन के साथ जाने में मुश्किल महसूस करेंगे. इनमें वे विधायक शामिल हैं जो किसी भी कीमत पर कांग्रेस वाले गठबंधन के साथ जाने में सहज नहीं थे और अब तो उद्धव अपनी पार्टी से ही हाथ धो चुके हैं. उद्धव का दुख इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यही राहुल नार्वेकर जो आज विधानसभा अध्यक्ष हैं, एक समय में बाला साहेब ठाकरे के खास हुआ करते थे लेकिन बाद में वे एनसीपी से होते हुए भाजपा में पहुंच गए और वह व्यक्ति जिसके भाग्य का फैसला शिवसेना करती थी उसी के हाथ इस बात की कमान आ गई कि वह शिवसेना के भाग्य का फैसला करे जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे द्वारा दिए संविधान को सही मानकर फैसला कर दिया और उद्धव अपने ही पिता की बनाई पार्टी से हाथ धो बैठे.