Javed अख्तर बताएं ऐसा कैसा पब्लिक इंटरेस्ट
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जावेद अख्तर और शबनम हाशमी की लगाई हुई एक जनहित याचका पर सरकार की तरफ से सवाल उठाया गया कि आखिर यह कैसा पब्लिक इंटरेस्ट है जिसमें सिर्फ एक राज्य के सिर्फ एक खास कालखंड में हुए एनकाउंटर का हिसाब मांगा जा रहा है. दरअसल बीजी वर्गीस, शबनम हाश्मी और जावेद अख्तर की ओर से 2997 में एक याचिका लगाई गई थी जिसमें पूछा गया था कि 2002 से 2006 के बीच गुजरात पुलिस द्वारा हुए एनकाउंटर के बारे में बताया जाए. वर्गीस की मृत्यु हो जाने के बाद यह याचिका शबनम और जावेद अख्तर की ही बची है इसलिए अब सवाल उनसे ही पूछे जा रहे हैं कि पूरे देश की बात करने के बजाए सिर्फ एक राज्य और उसके भी एक कालखंड की ही बात पूछी जा रही है. गुजरात की ओर से खड़े हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूछा कि यह किस तरह का पब्लिक इंटरेस्ट है जिसमें सारी जनता की बजाए किसी खास मकसद से सवाल उठाए जा रहे हैं. याचिकाकर्ताओं को बताना चाहिए कि उनकी इस याचका में व्यापक जनहित कैसे जुड़ा हुआ है.