July 27, 2024
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Qatar में भारतीयों की मौत की सजा रुकी

कतर की अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसेना अफसरों की मौत की सजा बदल दी है और इसे भारत की कूटनीति का असर कहा जा रहा है, अगस्त 2022 को गिरफ्तार इन भारतीय नागरिकों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है. अल दाहरा नाम की जिस प्राइवेट कंपनी में ये सभी पनिछले पांच साल से काम कर रहे थे उसके सीईओ ओमानी एयरफोर्स के रिटायर्ड अफसर खमीस अल अजमी थे जिन्हें गिरफ्तार किया गया लेकिन कुछ ही महीने में रिहा कर दिया था. जो भारतीय गिरफ्तार हैं- उनमें पूर्णेन्द्रु तिवारी, नवतेज सिंह गिल, वीरेंद्र कुमार वर्मा, सुगुनाकर पकाला, संजीव गुप्ता, अमित नागपाल, सौरभ वशिष्ठ और गोपाकुमार हैं. इन सभी पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट की जानकारी इजरायल तक पहुंचाने का आरोप है. इस आरोप में इन्हें 26 अक्टूबर 2023 को मृत्युदंड दिए जाने का फरमान था. सजा सुनाए जाने के बाद भारत सरकार कानूनी चुनौती देने के साथ डिप्लोमैटिक चैनल भी इस्तेमाल कर रही थी. कान्सुलर एक्सेस के बाद इन पूर्व अफसरों का कानूनी पक्ष रखने की उम्मीद बंधी और इसी बीच दुबई में कतर के अमीर से मोदी की मुलाकात हुई. COPE28 की बैठक में दुबई गए मोदी की अमीर से मुलाकात के चार सप्ताह के भीतर ही फाँसी की सजा पलट गई. सुनवाई के समय कोर्ट में भारत के राजदूत का मौजूदगी बताती है कि सरकार हर स्तर पर इस मामले को लेकर कितनी गंभीर रही.