‘फेम3’ के लक्ष्य और बड़े होंगे
ई और वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बने फेम के दो चरण 2024 में पूरे हो जाएंगे। हाइब्रिड और ई वाहनों की स्वीकार्यता को लेकर सरकार ने तीसरे चरण को फेम-3 नाम दिया है लेकिन यह नाम बदला भी जा सकता है क्योंकि इसके लक्ष्य और दायरे में बढ़ोतरी होना तय है। इसके तहत सभी ई वाहनों के अलावा भी जो ग्रीन विकल्प मौजूद हैं उन्हें बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता पर काम किया जाएगा। यानी इसमें हाइड्रोजन सहित अन्य वैकल्पिक ईंधन के वाहनों को भी लिया जाएगा।पेट्रोल और डीजल वाहनों का उपयोग न्यूनतम करने और वैकल्पिक ईंधन वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए फेम एक बड़ा कदम होगा।
वाहन निर्माता संगठन सायम ने पेट्रोल-डीजल के विकल्प बतौर नौ इंजन चिन्हित किए हैं। इनमें नेचुरल गैस, एलपीजी और हाइड्रोजन के अलावा एथनॉल, फ्लेक्स-फ्यूल सहित सिंथेटिक ईंधन भी हैं। शून्य उत्सर्जन के लिए बैटरी वाले और फ्यूल सेल वाहन प्राथमिकता पर हैं। फेम के पहले दो चरण में देश में ई वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने में काफी सफलता मिली है, इसी के चलते ई वाहनों की वाहन बाजार में हिस्सेदारी 6 प्रतिशत तक पहुंची है। 2015 में फेम को पहले चरण में 900 करोड़ रुपये की राशि मिली थी। 2019 में योजना में सब्सिडी राशि 10,000 करोड़ रुपये कर दी गई। जिससे 10 लाख से ज्यादा वाहनों को सब्सिडी मिली है। इसमें ट्रकों को भी शामिल करने का प्रस्ताव है