July 27, 2024
इंदौरमध्यप्रदेशमध्यप्रदेश चुनाव

नामांकन नहीं यह शक्ति प्रदर्शन था

कांग्रेस और भाजपा दोनों ने तय किया कि माता अहिल्या की आशिर्वाद लेकर दोनों दलों के प्रत्याशी अपने नामांकन जमा करेंगे. दोनों ने राजवाड़ा से अपने प्रत्याशियों को कलेक्ट्रेट तक ले जाने के जो समय तय किए वे लगभग एक ही थे इसलिए टकराहट की संभावना और शक्ति प्रदर्शन का नजारा हो जाना बेहद स्वाभाविक था. अपनी लेटलतीफी की आदत छोड़कर कांग्रेस ने अच्छा यह किया कि ठीक समय पर जो भी प्रत्याशी आ गया थे उन्हें लेकर कमलनाथ कलेक्ट्रेट की तरफ चल पड़े. जो गांधी भवन तक भी कारवां में नहीं जुट पाए थे उनमें जीतू पटवारी और चिंटू चौकसे भी थे. जो रथनुमा गाड़ी तैँयार की गई थी उसमें सत्तू पटेल कमलनाथ से थोड़ा पीछे थे जबकि संजय शुक्ला और पिंटू जोशी उनके ठीक साथ में, कमलनाथ ने अश्विन जोशी को भी साथ जरुर ले लिया लेकिन उनका अनमनापन साफ जाहिर हो रहा था. जोश भरने के लिए कृपा पंडित भी पिछली गाड़ी में सवार हो गए और राजवाड़ा से चली यह रैली कलेक्ट्रेट से पहले तक छोटे मोटे काफिले में तो बदल ही गई. चूंकि कांग्रेस को मंच लगाने के लिए हरसिद्धि से भी आगे जगह जुटानी पड़ी इसलिए भी समय में अडंगा नहीं आया और इसलिए भी कि भाजपा ने समय की पाबंदी पर जोर ने देते हुए शक्ति प्रदर्शन में ज्यादा ध्यान दिया. अपने परंपरागत क्षेत्र सराफी की तरफ से मालिनी गौड़ ने लगभग उतनी ही ताकत के साथ प्रवेश किया जितनी भीड़ कांग्रेस के सारे उम्मीदवरों की मिलकर हुई थी. सबसे बड़ा मजमा स्वाभाविक तौर पर कैलाश, रमेश एंड कंपनी का ही रहा. असंतुष्ट रहने वाले सत्तन बाबा से लेकर सुदर्शन तक को कैलाश ने अपनी जीप पर सवार करा लिया और बड़ा गणपति की तरफ से आते हुए सबसे ज्यादा समय भी उन्हें ही लगना था. कैलाश का काफिला राजवाड़ा पर आ ही रहा था कि लेटलतीफी के साथ जा रहे चिंटू चौकसे कई सारी गाढ़ियों पर झंडा लहराते आ गए. थोड़ा पुलिस की सूझबूझ और थोड़ी दोनों तरफ की धैर्य रखने की वजह से टकराहट नहीं हुई लेकिन कुछ यसमय के लिए कांग्रेस और भाजपा के झंडे बराबरी से राजवाड़ा पर लहराने तो लगे ही थे.आज के शक्ति प्रदर्शन में भाजपा ने नंबर जरुर मारा लेकिन कांग्रेस के पास जितना दलबल दिखा वह भी भाजपा के लिए चिंता की वजह जरुर बन रहा होगा. इसे नामांकन की भीड़ मानना गलत होगा क्योंकि अधिकतर के नामांकन पहले जमा हो चुके थे और आज तो सिर्फ उसकी औपचारिकता थी लेकिन यह शक्ति प्रदर्शन नरुर था.