July 27, 2024
इंदौरभोपालमध्यप्रदेशमध्यप्रदेश चुनाव

क्या हाल है क्या दिखा रहे हो

कांग्रेसे के दो बड़े नेताओं ने मध्यप्रदेश में लगभग सारी सीटें अपनी पसंद से तय करवा ली हैं लेकिन अब जब विरोध के स्वर उठ रहे हैं तो दोनों यह बताने में जुटे हुए हैं कि उनकी तो कोई सुन ही नहीं रहा है. जी हां, बात कमलनाथ और दिग्विजय की ही हो रही है. प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्र अब कांग्रेसियों की उठापटक देख रहे हैं लेकिन दिग्विजय ऐसा जता रहे हैं कि कमलनाथ की ही चली है और टिकट बंटवारे में उनकी नहीं सुनी गई. उधर कमलनाथ तो कह ही चुके हैं कि मेरी तरफ से आप दिग्विजय के कपड़े फाडें. दरअसल दोनों ही नेताओं के बीच की जुगलबंदी काफी पुरानी है और दोनों के बीच इन दिनों चल रही जुबानी जंग को यदि नूरा कुश्ती के तौर पर देखा जाए तो यह गलत भी नहीं होगा. टिकट बदलने के मुद्दे पर जो भी दिग्विजय सिंह से कुछ कहे तो वे कहते हैं कि कमलनाथ मेरी सुन नहीं रहे हैं और कमलनाथ इससे उलट दिग्विजय की तरफ गेंद उछाल देते हैं. समझने वाले समझ रहे हैं कि कमलनाथ और दग्गी ने मिलकर टिकट तय किए हैं और कुछ बचे खुचे टिकट ही दूसरे नेताओं के कोटे में गए हैं लेकिन अब दोनों पल्ला झाड़ने में लगे हैं. जो टिकट बदले गए हैं उनमें भी इन दोनों की सहमति रही है लेकिन दोनों ने बाहरी तौर पर ऐसा रुख अपना रखा है जैसे दोनों के बीच मनमुटाव हो. दोनों की सोच यही है कि जैसे भी हो नामांकन के पहले वाला दबाव यह कहकर टाल दिया जाए कि हमारी तो चल ही नहीं रही है. एक बार समयसीमा खत्ज्म हुई तो टिकट मांगने वालों को कह दिया जाएगा कि अब तो कुछ होने की संभावना ही नहीं बची इसलिए पार्टी का काम निष्ठा से करते रहो अगली बार पक्का ध्यान रखेंगे.