July 20, 2024
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हॉलीवुड पर छाया है एआई का डर 

हॉलीवुड का  डाइडा विलकॉक्स ने जब नाम रखा तो कहा था कि इसमें जो ‘हॉली” है वह गुड लक लाएगा। वाकई ऐसा हुआ भी कि हॉलीवुड में 1900 से 1912 के बीच ही इतनी फिल्म कंपनियां आ गईं कि इसका दुनिया भर में चर्चा में आना स्वाभाविक हो गया लेकिन सौ साल से कहीं ज्यादा के इस तिलिस्मी संसार को किसी की नज़र लग गयी जब पिछले दिनों सशरीर न दिखने वाली एक शै ने इसे डरा दिया है. हॉलीवुड की  हड़ताल भले अब खत्म हो गई हो लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता दखल अब भी बॉलीवुड को परेशान कए हुए है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने निर्माताओं की बेफिक्री हर क्षेत्र में इतनी बढ़ा दी है कि वे स्क्रिप्ट लिखने वालों से लेकर सिनेमेटोग्राफर तक किसी का भी काम इसे दे सकते हैं. यानी दाम पूरे न मिलने के पीछे भी कहीं न कहीं एआई से मिली आश्वस्ति काम कर रही है. हर साल 700 से ज्यादा तक फ़िल्में बनाने वाले हॉलीवुड ने अपने इतिहास में कई परिवर्तनों का सामना किया  है और इसमें टेक्नोलॉजी से संबंधित परिवर्तन भी शामिल हैं लेकिन यह शायद पहली बार है कि किसी नयी तकनीक के विरोध में इतना हंगामा खड़ा हुआ है, इस उद्योग में चुनौतियां और अवसर हमेशा बदलते हैं लेकिन एआई के आगमन के साथ यह बदलाव बेहद तेजी से हुआ है

जैसे ही फिल्म निर्माता एआई को विभिन्न क्षेत्रों में शामिल करने लगे, जैसे कि विजुअल इफेक्ट्स, मोशन कैप्चर, और स्क्रिप्टराइटिंग, उन्हें कर्मचारियों और स्टूडियो के प्रशासकों के बीच तनाव पैदा हुआ। एआई की क्षमता से तकनीशियन, एनीमेटर्स और स्क्रिप्टराइटर्स के बीच नौकरी खोने का डर अब भी कायम है। स्टूडियो चलाने वालों ने एआई के फायदे गिनने शुरू किये तो लगा कि  वे अधिकतर स्टाफ को जरूरत से ज्यादा भुगतान कर रहे हैं. दूसरी तरफ कर्मचारियों को अपनी आजीविका की चिंता आज भी खाये जा रही है. 

1984 में, जेम्स कैमरन ने “द टर्मिनेटर” में एआई पर अपने दृष्टिकोण सामने रखा था। इस फिल्म में एआई, स्काइनेट के रूप में, खुद से निर्णय की क्षमता लिए है और एक परमाणु नाश की घटना को प्रारंभ करता है। टर्मिनेटर (अर्नोल्ड श्वार्जनेगर द्वारा निभाया गया चरित्र) के माध्यम से, कैमरन ने एआई को एक शक्तिशाली, स्वतंत्र शक्ति के रूप में पेश किया, जो मानवता पर हानि पहुंचाने की क्षमता रखता है यानी लगभग चालीस साल पहले इस शक्ति को लेकर हॉलीवुड समझने की कोशिश तो करने लगा था लेकिन जमीनी तौर पर इसके लिए वह आज तक तैयार नहीं था. 

उनके द्वारा दिखाई गई एआई की शक्तियां भले तब अतिशयोक्ति लग रही हों लेकिन अब इससे जूझने में हॉलीवुड ही नहीं लगभग बाकी सभी क्षेत्र भी हैरान हो रहे हैं. एआई तकनीक के पक्ष में बढ़ती हुई दिन दूर होने के साथ, हॉलीवुड ने इसे उसके रचनात्मक और व्यावसायिक प्रयोग के लिए स्वीकार किया।ख़ास तौर पर स्पेशल इफेक्ट्स की वजह से  एआई ने विजुअल इफेक्ट्स में काफी सुधार कर दिया। मोशन कैप्चर तकनीक से लेकर अभिनेताओं के प्रदर्शन को भरोसेमंद तरीके से पुनर्सृजित कर सकने की क्षमता ने इसे इंसानों से ऊपर की जगह दिलवाना शुरू कर दी तब जाकर खतरा बढ़ता हुआ लगा लेकिन तब तक हॉलीवुड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की गिरफ्त में आ चुका था. एआई द्वारा संचालित तकनीकें कुछ कार्यों को स्वचालित करने की संभावना दिखा रही थीं, जो परंपरागत रूप से तकनीशियनों और कर्मचारियों के द्वारा संभाले जाते थे। मोशन कैप्चर तकनीक, उदाहरणार्थ, अभिनेताओं के प्रदर्शन को भरोसेमंद तरीके से पुनर्सृजित कर सकती थी, जिससे अभिनेता की ज़रूरत को लेकर चिंता थी। इसके अलावा एआई एल्गोरिदम ने बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण किया, जिससे स्टूडियो बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन और दर्शकों की पसंद को पूर्वानुमान कर सकते हैं जिससे मार्केटिंग रणनीतियों को काफी सटीक आकार मिलने लगा. स्क्रिप्टराइटिंग के क्षेत्र में, एआई एल्गोरिदम कहानियों को तैयार कर सकने के  हो गया और डायलॉग तक लिख सकने में इसे महारत हासिल हो गयी. इसके बाद फिल्म निर्माण के माध्यम से मानवीय रचनात्मकता पर सवाल उठन भी उतना ही स्वाभाविक था। हालांकि,यह तकनीक कहानियों में ह्यूमन टच न होने के आरोप में घिरी हुई है लेकिन काफी बड़ी मात्रा में डाटा में से चुनी हुई तार्किक बातें इस का उतना ही मजबूत पक्ष भी साबित होने लगीं. 

हॉलीवुड की यात्रा एआई के साथ एक संबंध है जो खुद को बदलते टेक्नोलॉजी का सामर्थ्य ग्रहण करते समय मानवीय रचनात्मकता की रक्षा करते हुए एक संतुलन खोजने की आवश्यकता है। एआई और मानवीय अभिव्यक्ति का संबंध और साथियों का संरक्षण हॉलीवुड के लिए महत्वपूर्ण है, जो इस तकनीक में मानव की कल्पना और कहानी सृजन का जादू सुरक्षित रखने का सार्थक संतुलन बनाने के लिए जरूरी है लेकिन इस बीच एक मजेदार खबर भी चैट  जीपीटी से जुड़ गयी है कि स्टैनफोर्ड और यूसी बर्कले का शोध बता कि यह एआई जितनी समझदारी के साथ आयी थी अब उसकी धार कुंद पड़ने लगी है और इसका प्रदर्शन लगातार बिगड़ता जा रहा है और इनसे भी बड़ी बात यह कि हालत ऐसे ही बने रहे तो चैट जीपीटी दिवालिया भी हो सकता है शायद हॉलीवुड को कोई राहत मिले.