नाव के बाद पाइपलाइन और ग्रिड से भी जुड़ेंगे
श्रीलंका के साथ नाव का रास्ता जुड़ने के मौके पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि नाव से जुड़ने के बाद हम श्रीलंका से ग्रिड कनेक्शन और पाइपलाइन के ज़रिया भी जुड़ना चाहेंगे ताकि आर्थिक गलियारे की संभावनाएं तलाश की जा सकें.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ उनके गरिमामय जीवन की कोशिश मे साथ खड़ा है. जुलाई में दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी कि नाव सेवा शुरू की जानी चाहिए. तेज गति वाली इस 150 यात्रियों की क्षमता वाली नौका को शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया चलाएगा. नागपत्तिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 110 किमी (60 समुद्रि मील) की दूरी साढ़े तीन घंटे में तय हो सकेगी.
जयशंकर ने भारत की ‘नेबर फर्स्ट’ नीति का ज़िक्र करते हुए कहा कि हम इस संपर्क माध्यम को दूसरे क्षेत्रों मे आयेज बढ़ते देखना चाहते हैं।
